Globalwits

Wednesday 1 June 2022

धुंधले हुए अल्फ़ाज़

खुश होना है तो बेवजह हो जाइए जनाब...

वजहें तो आजकल बहुत महँगी हो गई हैं...

समय आने पर अपने तेवर दिखायेँगेँ,
शहर तुम खरीद लो हुकुमत हम चलायेँगे.....!!!!

नफरतों के शहर में  अपने अपने खेमे हैं!
यहां वो लोग रहते हैं जो
तेरे मुँह पर तेरे है,
मेरे मुँह पर मेरे हैं...!!

"फिक्र" में होते है तो, खुद जलते है....

"बेफिक्र" होते है, तो दुनिया जलती है...!!!

इश्क है ख्याल मे, ख्याल मे है इश्क ,

मत पूछ या रब किस हाल मे है इश्क...

*जहर का भी अपना हिसाब है,

मरने के लिए जरा सा और जीने के लिए बहुत सारा पीना पड़ता है।*🌹🙏

करेगा क्यूँ कोई फोकस किसी पर दोस्तों,
सब अपनी-अपनी सेल्फी ले रहे हैं...
बेताब आँखे
बेचैन दिल
बेपरवाह साँसे.,
बेबस ज़िन्दगी
बेहाल हम
बेखबर तुम...!!

हम अल्फाजो को ढूढते रह गए 

और वो आँखों से गज़ल कह गए !!




No comments:

Post a Comment