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Globalwits
Thursday, 27 July 2017
How to Add Blogger Posts to a Facebook Wall
How to Add Blogger Posts to a Facebook Wall
Use the "Notes" feature of your Facebook account to add your Blogger posts to your Wall. Facebook imports each blog post as a separate note, then automatically posts them to your Facebook Wall. The feature also lets you import old blog posts and publish future posts as they appear on your Blogger site.
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3. Type the full website address of your Blogger site into the "Web URL" text field. Check the box to agree with Facebook's terms of use.
4. Click the "Save Settings" button. Facebook automatically starts importing old Blogger posts into the "Notes" section and publishing them to your Facebook Wall. Facebook checks periodically for new posts and automatically imports them to your Wall.
Sharing a Blog Post From Blogspot on Facebook
Sharing a Blog Post From Blogspot on Facebook
Sharing your blog posts with the friends and contacts in your Facebook network can help to increase the number of visitors to your blog and keep friends up to date with your posts. To share a post from a BlogSpot -- now called Blogger -- blog, copy the URL, or Uniform Resource Locator Web address, from the post page and add it to Facebook with the link tool on the “Update Status” feature.
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How to Add Links on Blogger to Follow Your Facebook Account
Google's Blogger blogging platform lets you customize your blog by adding widgets to your profile. These widgets range from calendars and other tools, to profile badges for your social networks. If you want to add a Facebook profile badge to your Blogger profile, you can do so directly through the Facebook badges website.
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दो रोटी की खातिर सपनों में खोए तीन साधु - hindi kahaani
कहानी : तीन साधु
ज्ञान की खोज में एक बार तीन साधु हिमालय पर जा पहुंचे। वहां पहुंचकर तीनों साधुओं को बहुत भूख लगी। देखा तो उनके पास तो मात्र दो ही रोटियां थी। उन तीनों ने तय किया कि वो भूखे ही सो जाएंगे। ईश्वर जिसके सपने में आकर रोटी खाने का संकेत देंगे वो ही ये रोटियां खाएगा। ऐसा कहकर तीनों साधु सो गए।
आधी रात को तीनों साधु उठे और एक-दूसरे को अपना-अपना सपना सुनाने लगे। पहले साधु ने कहा- मैं सपने में एक अनजानी जगह पहुंचा वहां बहुत शांति थी और वहां मुझे ईश्वर मिले। और उन्होंने मुझे कहा कि तुमने जीवन में सदा त्याग ही किया है। इसलिए ये रोटियां तुम्हें ही खानी चाहिए।
दूसरे साधु ने कहा कि- मैंने सपने में देखा कि भूतकाल में तपस्या करने के कारण में महात्मा बन गया हूं और मेरी मुलाकात ईश्वर से होती है और वे मुझे कहते हैं कि लंबे समय तक कठोर तप करने के कारण रोटियों पर सबसे पहला हक तुम्हारा है, तुम्हारे मित्रों का नहीं।
अब तीसरे साधु की बारी थी उसने कहा मैंने सपने में कुछ नहीं देखा। क्योंकी मैने वो रोटियां खा ली हैं। यह सुनकर दोनों साधु क्रोधित हो गए। उन्होंने तीसरे साधु से पूछा- यह निर्णय लेने से पहले तुमने हमें क्यों नहीं उठाया? तब तीसरे साधु ने कहा कैसे उठाता? तुम दोनों तो ईश्वर से बातें कर रहे थे। लेकिन ईश्वर ने मुझे उठाया और भूखे मरने से बचा लिया।
बिल्कुल सही कहा गया है कि जीवन-मरण का प्रश्न हो तो कोई किसी का मित्र नहीं होता व्यक्ति वही काम करता है जिससे उसका जीवन बच सके।
श्री रामचरित मानस के 51 सिद्ध मन्त्र
श्री रामचरित मानस के 51 सिद्ध मन्त्र
१॰ विपत्ति-नाश के लिये
“राजिव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।”
२॰ संकट-नाश के लिये
“जौं प्रभु दीन दयालु कहावा। आरति हरन बेद जसु गावा।।
जपहिं नामु जन आरत भारी। मिटहिं कुसंकट होहिं सुखारी।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।”
३॰ कठिन क्लेश नाश के लिये
“हरन कठिन कलि कलुष कलेसू। महामोह निसि दलन दिनेसू॥”
४॰ विघ्न शांति के लिये
“सकल विघ्न व्यापहिं नहिं तेही। राम सुकृपाँ बिलोकहिं जेही॥”
५॰ खेद नाश के लिये
“जब तें राम ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए॥”
६॰ चिन्ता की समाप्ति के लिये
“जय रघुवंश बनज बन भानू। गहन दनुज कुल दहन कृशानू॥”
७॰ विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिये
“दैहिक दैविक भौतिक तापा।राम राज काहूहिं नहि ब्यापा॥”
८॰ मस्तिष्क की पीड़ा दूर करने के लिये
“हनूमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।।”
९॰ विष नाश के लिये
“नाम प्रभाउ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।”
१०॰ अकाल मृत्यु निवारण के लिये
“नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निज पद जंत्रित जाहिं प्रान केहि बाट।।”
११॰ सभी तरह की आपत्ति के विनाश के लिये / भूत भगाने के लिये
“प्रनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदयँ आगार, बसहिं राम सर चाप धर॥”
१२॰ नजर झाड़ने के लिये
“स्याम गौर सुंदर दोउ जोरी। निरखहिं छबि जननीं तृन तोरी।।”
१३॰ खोयी हुई वस्तु पुनः प्राप्त करने के लिए
“गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।”
१४॰ जीविका प्राप्ति केलिये
“बिस्व भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।”
१५॰ दरिद्रता मिटाने के लिये
“अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद दवारि के।।”
१६॰ लक्ष्मी प्राप्ति के लिये
“जिमि सरिता सागर महुँ जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएँ। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएँ।।”
१७॰ पुत्र प्राप्ति के लिये
“प्रेम मगन कौसल्या निसिदिन जात न जान।
सुत सनेह बस माता बालचरित कर गान।।’
१८॰ सम्पत्ति की प्राप्ति के लिये
“जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।सुख संपत्ति नाना विधि पावहि।।”
१९॰ ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने के लिये
“साधक नाम जपहिं लय लाएँ। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएँ।।”
२०॰ सर्व-सुख-प्राप्ति के लिये
सुनहिं बिमुक्त बिरत अरु बिषई। लहहिं भगति गति संपति नई।।
२१॰ मनोरथ-सिद्धि के लिये
“भव भेषज रघुनाथ जसु सुनहिं जे नर अरु नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहिं त्रिसिरारि।।”
२२॰ कुशल-क्षेम के लिये
“भुवन चारिदस भरा उछाहू। जनकसुता रघुबीर बिआहू।।”
२३॰ मुकदमा जीतने के लिये
“पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।”
२४॰ शत्रु के सामने जाने के लिये
“कर सारंग साजि कटि भाथा। अरिदल दलन चले रघुनाथा॥”
२५॰ शत्रु को मित्र बनाने के लिये
“गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई।।”
२६॰ शत्रुतानाश के लिये
“बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई॥”
२७॰ वार्तालाप में सफ़लता के लिये
“तेहि अवसर सुनि सिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा॥”
२८॰ विवाह के लिये
“तब जनक पाइ वशिष्ठ आयसु ब्याह साजि सँवारि कै।
मांडवी श्रुतकीरति उरमिला, कुँअरि लई हँकारि कै॥”
२९॰ यात्रा सफ़ल होने के लिये
“प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदयँ राखि कोसलपुर राजा॥”
३०॰ परीक्षा / शिक्षा की सफ़लता के लिये
“जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥”
३१॰ आकर्षण के लिये“जेहि कें जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू॥”
३२॰ स्नान से पुण्य-लाभ के लिये“सुनि समुझहिं जन मुदित मन मज्जहिं अति अनुराग।
लहहिं चारि फल अछत तनु साधु समाज प्रयाग।।”
३३॰ निन्दा की निवृत्ति के लिये
“राम कृपाँ अवरेब सुधारी। बिबुध धारि भइ गुनद गोहारी।।
३४॰ विद्या प्राप्ति के लिये
गुरु गृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल विद्या सब आई॥
३५॰ उत्सव होने के लिये
“सिय रघुबीर बिबाहु जे सप्रेम गावहिं सुनहिं।
तिन्ह कहुँ सदा उछाहु मंगलायतन राम जसु।।”
३६॰ यज्ञोपवीत धारण करके उसे सुरक्षित रखने के लिये
“जुगुति बेधि पुनि पोहिअहिं रामचरित बर ताग।
पहिरहिं सज्जन बिमल उर सोभा अति अनुराग।।”
३७॰ प्रेम बढाने के लिये
सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥
३८॰ कातर की रक्षा के लिये
“मोरें हित हरि सम नहिं कोऊ। एहिं अवसर सहाय सोइ होऊ।।”
३९॰ भगवत्स्मरण करते हुए आराम से मरने के लिये
रामचरन दृढ प्रीति करि बालि कीन्ह तनु त्याग ।
सुमन माल जिमि कंठ तें गिरत न जानइ नाग ॥
४०॰ विचार शुद्ध करने के लिये
“ताके जुग पद कमल मनाउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ।।”
४१॰ संशय-निवृत्ति के लिये
“राम कथा सुंदर करतारी। संसय बिहग उड़ावनिहारी।।”
४२॰ ईश्वर से अपराध क्षमा कराने के लिये
” अनुचित बहुत कहेउँ अग्याता। छमहु छमा मंदिर दोउ भ्राता।।”
४३॰ विरक्ति के लिये
“भरत चरित करि नेमु तुलसी जे सादर सुनहिं।
सीय राम पद प्रेमु अवसि होइ भव रस बिरति।।”
४४॰ ज्ञान-प्राप्ति के लिये
“छिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम सरीरा।।”
४५॰ भक्ति की प्राप्ति के लिये
“भगत कल्पतरु प्रनत हित कृपासिंधु सुखधाम।
सोइ निज भगति मोहि प्रभु देहु दया करि राम।।”
४६॰ श्रीहनुमान् जी को प्रसन्न करने के लिये
“सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपनें बस करि राखे रामू।।”
४७॰ मोक्ष-प्राप्ति के लिये
“सत्यसंध छाँड़े सर लच्छा। काल सर्प जनु चले सपच्छा।।”
४८॰ श्री सीताराम के दर्शन के लिये
“नील सरोरुह नील मनि नील नीलधर श्याम ।
लाजहि तन सोभा निरखि कोटि कोटि सत काम ॥”
४९॰ श्रीजानकीजी के दर्शन के लिये
“जनकसुता जगजननि जानकी। अतिसय प्रिय करुनानिधान की।।”
५०॰ श्रीरामचन्द्रजी को वश में करने के लिये
“केहरि कटि पट पीतधर सुषमा सील निधान।
देखि भानुकुल भूषनहि बिसरा सखिन्ह अपान।।”
५१॰ सहज स्वरुप दर्शन के लिये
“भगत बछल प्रभु कृपा निधाना। बिस्वबास प्रगटे भगवाना।।”
इस मंत्र के जप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल
इस मंत्र के जप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल
धर्म शास्त्रों के अनुसार, रामायण का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है। लेकिन वर्तमान समय में संपूर्ण रामायण पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। ऐसे में नीचे लिखे एक मंत्र का रोज विधि-विधान से जप करने से संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं।
यह मंत्र इस प्रकार है-
आदि राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्।।
जप विधि:-
1. सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीराम की पूजा करें।
2. भगवान श्रीराम के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें।
3. प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है।
4. आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है।
5. एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
रोज पढ़ने से होते हैं ये 10 बड़े फायदे, जानते हैं आप?
रोज पढ़ने से होते हैं ये 10 बड़े फायदे, जानते हैं आप?
किताब पढ़ना हर किसी को जल्दी पसंद नहीं आता। कई बोलते हैं उनको किताब पढ़ने से बोरियत होती है तो किसी का कहना होता है कि उनके पास इतना समय ही नहीं है। पर वहीं दूसरे लोग हैं जिन्हें किताब का एक पन्ना पढ़े बिना नींद ही नहीं आती।
अकसर लोग या तो शौक से या किसी मकसद से कोई पुस्तक पढ़ते हैं लेकिन उनको यह पता नहीं होता है कि वास्तव में पढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी कई फायदे होते हैं। अगर आप नियमित रूप से नहीं पढ़ते हैं तो आपको इसे शौक के तौर पर शुरू करना चाहिए। हर दिन एक किताब के कुछ पन्ने पढ़ने की धीरे-धीरे आदत डालें। जल्द ही आपको पढ़ने की ऐसी आदत पड़ जाएगी कि आप मूवी की बजाए किताब पढ़ने को तरजीह देंगे। आइये आज जानते हैं कि रोज पढ़ने से क्या फायदे होते हैं...
दिमाग का अभ्यास
पढ़ने में आपके दिमाग का अभ्यास होता है। पढ़ने के दौरान आपका दिमाग जितना उत्तेजित होता है, उतना टी.वी. देखने या रेडियो सुनते वक्त नहीं होता है। और जाहिर सी बात है जब दिमाग का अभ्यास होगा तो दिमाग स्वस्थ भी रहेगा।
तनाव कम होता है
तनाव के स्तर को कम करने के लिए पढ़ने एक असरदार तरीका है क्योंकि एक अच्छी स्टोरी में आप खो जाते हैं और आपका दिमाग कहीं और चला जाता है। इससे तनाव कम होता है।
बेहतर नींद में मदद
पढ़ने से आप रिलैक्स फील करते हैं इससे सही नींद आती है। वास्तव में इलेक्ट्रॉनिक्स की कृत्रिम लाइट आपके दिमाग को संकेत देती है कि अभी जागने का समय है इसलिए जब आपको सोना हो तो उससे एक घंटे पहले टेलीविजन, सेल फोन या लैपटॉप से परहेज करें और एक किताब उठाकर करीब एक घंटे पढ़ें।
याददाश्त मजबूत होती है
जब आप फिक्शन पढ़ते हैं तो आपका दिमाग कहानी के सभी कैरक्टर, सारी घटनाओं और कहानी के प्लॉट को याद रखता है। यानी रोजाना पढ़ने का मतलब अपनी याददाश्त का अभ्यास कराना है और अभ्यास से चीजें मजबूत होती हैं। इसलिए रोजाना पढ़ने से आपकी याददाश्त मजबूत होती है।
आपको शांत और संयमित करता है
आपको रिलैक्स फील होने के अलावा पढ़ने से आपके अंदर एक तरह की शांति और सुकून का भाव पैदा होता है। स्टडीज में यह बात सामने आई है कि आध्यात्मिक या धार्मिक पुस्तक पढ़ने से ब्लड प्रेशर कम होता है जिससे आप शांत होते हैं।
एकाग्रता बढ़ती है
पढ़ने से आपके अंदर एकाग्रता बढ़ती है क्योंकि जब आप पढ़ रहे होते हैं तो आपका ध्यान एक ही तरफ केंद्रित होता है। आज के जमाने में हमारा दिमाग कई कामों में बंटा होता है, हमें अपना काम करना होता है तो अपने फोन भी चेक करने पड़ते हैं, लोगों से बात करनी पड़ती है। इससे हमारा एकाग्रता स्तर कम होता है और प्रॉडक्टिविटी में गिरावट आती है। हर दिन थोड़े समय तक पढ़ने से इस तरह की चीजों से छुटकारा पाया जा सकता है।
प्रेरणा का स्रोत
इंग्लैंड में की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई कि 60 फीसदी प्रतिभागियों का मानना था कि पढ़ने से उनके जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रभाव पड़ा है। पढ़ने के दौरान आप कैरक्टर के इमोशन को महसूस करते हैं। इससे आपके अंदर बड़ा बदलाव आता है।
शब्द भंडार बढ़ता है
पढ़ने से ज्ञान के साथ-साथ शब्द भंडार भी बढ़ती है। पढ़ने के दौरान आपके सामने कई शब्द आते हैं जो आपके दिमाग में स्टोर हो जाते हैं और खुद से आपकी स्पीच का हिस्सा बन जाते हैं। शब्दों का सही भंडार होने से आपनी बात स्पष्ट ढंग से रखने की कला आप में विकसित होती है जो आपके पेशे के लिए फायदेमंद होगा।
विश्लेषण क्षमता में इजाफा
जब आप किताब पढ़ते हैं तो अकसर यह महसूस कर लेते हैं कि अंत में क्या होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेखक आपके लिए कई क्लू छोड़ देता है जिसे आपका दिमाग एक साथ जोड़ता है और दिमाग में कहानी के अंत की तस्वीर उभरती है। इस प्रक्रिया से आपकी क्रिटिकल थिंकिंग और ऐनालिटिकल स्किल्स बढ़ती है। इन स्किल्स का इस्तेमाल जीवन के अन्य मैदान में किया जा सकता है और साथ ही अपने परफॉर्में में सुधार के लिए भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा।
इंग्लैंड में की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई कि 60 फीसदी प्रतिभागियों का मानना था कि पढ़ने से उनके जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए प्रभाव पड़ा है। पढ़ने के दौरान आप कैरक्टर के इमोशन को महसूस करते हैं। इससे आपके अंदर बड़ा बदलाव आता है।
शब्द भंडार बढ़ता है
पढ़ने से ज्ञान के साथ-साथ शब्द भंडार भी बढ़ती है। पढ़ने के दौरान आपके सामने कई शब्द आते हैं जो आपके दिमाग में स्टोर हो जाते हैं और खुद से आपकी स्पीच का हिस्सा बन जाते हैं। शब्दों का सही भंडार होने से आपनी बात स्पष्ट ढंग से रखने की कला आप में विकसित होती है जो आपके पेशे के लिए फायदेमंद होगा।
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विश्लेषण क्षमता में इजाफा
जब आप किताब पढ़ते हैं तो अकसर यह महसूस कर लेते हैं कि अंत में क्या होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लेखक आपके लिए कई क्लू छोड़ देता है जिसे आपका दिमाग एक साथ जोड़ता है और दिमाग में कहानी के अंत की तस्वीर उभरती है। इस प्रक्रिया से आपकी क्रिटिकल थिंकिंग और ऐनालिटिकल स्किल्स बढ़ती है। इन स्किल्स का इस्तेमाल जीवन के अन्य मैदान में किया जा सकता है और साथ ही अपने परफॉर्में में सुधार के लिए भी इसका इस्तेमाल फायदेमंद रहेगा।
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Wednesday, 26 July 2017
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