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Globalwits
Friday, 2 March 2018
Magnificient Yoga Mudras for Abundance
Wednesday, 14 February 2018
VALANTINES DAY SPECIAL: अमर प्रेम कहानी का साक्षी गूजरी महल
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उन दिनों अक्सर मुगलों के आक्रमण होते रहते थे। सिकन्दर लोदी और गयासुद्दीन खिलजी ने कई बार ग्वालियर के किले पर धावा किया, पर वे सफल न हो सके। तब उन्होने आसपास के गांवो को नष्ट कर उनकी फसलें लूटना शुरू कर दिया। उन्होने कई मन्दिरों को तोड-फोड डाला और लोगों को इतना तंग किया कि वे हमेशा भयभीत बने रहते। खासकर स्त्रियों को बहुत ही भय रहता। उन दिनों औरतों का खूबसूरत होना खतरे से खाली न रहता। कारण, मुगल उनपर आंखें लगाए रहते थें। गांवों की कई सुन्दर, भोली लडकिंया उनकी शिकार हो चुकी थी।
ऐसे समय में ग्वालियर के पास राई नामक गांव में एक गरीब गुज्जर किसान के यंहा निन्नी नामक एक सुन्दर लडकी थी। सिकन्दर लोदी के आक्रमण के समय उसके माता-पिता मारे गए थें और अब एक भाई के सिवा उसका संसार में कोई न था। वहीं उसकी रक्षा और भरण-पोषण करता था। उनके पास एक कच्चा मकान और छोटा-सा खेत था, जिसपर वे अपनी गुजर करते थे। दोनों भाई-बहिन शिकार में निपुण थें और जंगली जानवार मारा करते थे। दोनों अपनी गरीबी में भी बडे खुश रहते और गांव के सभी सामाजिक और धार्मिक कार्यों में हिससा लेते रहते थे। उनका स्वभाव और व्यवहार इतना अच्छा था कि पूरा गांव उन्हे चाहता था।
निन्नी गूजरी अपनी एक सहेली के साथ जंगल में शिकार को गई थी। उस दिन शाम तक उन्हें कोई शिकार नहीं मिला और वे निराश होकर लौटने ही वाली थी कि उन्हे दूर झाडी के पास कुछ आहट सुनाई दी। लाखी थककर चूर हो गई थी इसलिए वह तो वहीं बैठ गई, किन्तु निन्नी अपने तीर और भालों के साथ आगे बढ गई। झाडी के पास पहूंचने पर उसने शिकार की खोज की, पर उसे कुछ नजर नहीं आया। वह लौटने ही वाली थी कि फिर से आहट मिली। उसने देखा कि झाडी के पास एक बडे झाड के पीछे से दो घुडसवार निकले और उसकी ओर आने लगे। पहले तो निन्नी कुछ घबराई, किन्तु फिर अपना साहस इकट्ठा कर वह उनका सामना करने के लिए अडकर खडी हो गई। जैसे ही घुडसवार उससे कुछ कदम दूरी पर आए, उसने कडकती हुई आवाज हुई आवाज में चिल्लाकर कहा, तुम कौन हो और यहाँ क्यों आए हो ? दोनों सवार घोडो पर से उतर गए। उनमें से एक ने कहा, हम सुल्तान गयासुद्दीन के सिपाही है, और तुम्हे लेने आए हैं। सुल्तान तुम्हे अपनी बेगम बनाना चाहता है। सवार के मुंह से इन शब्दों के निकलते ही निन्नी ने अपना तीर कमान पर चढा उसकी एक आँख को निशाना बना तेजी से फेंका। फिर दूसरा तीर दूसरी आँख पर फेंका, किन्तु वह उसकी हथेली पर अडकर रह गया, क्योंकि सवार के दोनों हाथ आखों पर आ चुके थे। इसी बीच दूसरा सवार घोडे पर चढकर तेजी से वापस लौटने लगा। निन्नी ने उसपर पहले भाले से और फिर तीरों से वार किया। वह वहीं धडाम से नीचे गिर गया। पहले सवार की आंखों से रक्त बह रहा था। निन्नी ने एक भाला उसकी छाती पर पूरी गति से फेंका और चीखकर वह भी जमीन पर लोटने लगा। फिर निन्नी तेजी से वापस चल पडी और हांफती हुई लाखी के घर पहुंची। लाखी पास के नाले से पानी पीकर लौटी थी और आराम कर रही थी। निन्नी से घुडसवारों का हाल सुन, उसके चेहरे का रंग उड गया। किन्तु निन्नी ने उसे हिम्मत दी और शिघ्रता से वापस चलने को कहा।
अटल ने रात भर जागकर सब तैयारिया की। उसने जंगल से लडकी और आम के पते लाकर मांडप बनाया अनाज बेचकर कपडे का एक जोडा निन्नी के लिए तैयार किया तथा गांव वालों ाके बांटने के लिए गुड लिया। इस तरह दूसरे दिन वैदिक रीति से राजा मानसिंह और निन्नी का ब्याह पूरा हुआ। गांव के लोगों से जो कुछ बन पडा उन्होने निन्नी को दिया। विदा के समय निन्नी अटल से लिपटकर खूब रोई। उसने रोते हुए कहा, ’’भैया अब लाखी को भाभी बनाकर जल्दी घर ले आओं तुम्हे बहुत तकलीफ होगी।‘‘ भाई ने उसे आश्वासन दिया और इस प्रकार निनी भाई की झोपडी को छोड ग्वालियर के महल के लिए रवाना हो गई।
विवाह के बाद महल कि राजपूत राणियो ने गुज्जर जाति कि रानि का विरोध किया इसी कारण राणा जी मे ” गुजरी महल ” का निर्माण करवाया ।
मृगनयनी से दो पुत्र हुए जिन्हें लेकर गुर्जरी महल छोड़ टिगड़ा के जंगलो में चली गयी उन्होंने एक नया गोत्र अपनाया जो आज गुर्जुर में आता है …^तोंगर^ जिसका अर्थ यह है
तोमर+गुर्जर = तोंगर
इसलिए मृग्नयनि पुत्र को कुछ जागीर देकर गूजरों मे शामिल किया गया।
ये राजपूत राजा मानसिंह तोमर के गूजरी पत्नी के वंशज आज तोंगर गुज्जर कहलाते हैं और तोमर राजपूतो को चुनाव में समर्थन कर उनके प्रति सम्मान दिखाते हैं।
इस प्रकार राजपूत राजा की गूजरी रानी निन्नी/मृगनयनी ने ग्वालियर के तौमर राज्य में चार चांद जोड दिए और उस काल को इतिहास में अमर कर दिया।
Tuesday, 13 February 2018
Money Really Matters
Friday, 26 January 2018
Human Body Five Elements: BASIS OF LIFE
According to Ayurvedic traditions, these five elements are also represented in our body and each element is responsible for different structures and
· The element Earth forms all solid structures, i.e., the bones and tissues, flesh and skin, and hair.
· Water forms all bodily fluids such as saliva, blood, sweat, urine, and semen.
· The element Air is responsible for movement and breath.
· Fire creates heat and drives our needs like hunger, thirst, and sleep.
· The Space element is deeply connected to our inner wisdom and intuition and determines our fears.
Every one of us contains all of these 5 elements in the body – just in different proportions.
Imbalance of the Elements is the CAUSE of DISEASES
The source of chronic (self-manifested) diseases is the impurity of any of the elements or if the elements are out of balance with another element in the body.