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Tuesday, 13 February 2024

वसंत पंचमी प्राकृतिक परिवर्तन का त्योहार

इस साल बसंत पंचमी बुधवार, 14 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी

बसंतपंचमी का पर्व 14 फरवरी को है प्रकृति के इस उत्सव पर मां सरस्वती की पूजा का विधान है हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार मां सरस्वती की पूजा करने से साधक को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

ऋग्वेद में माता सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है कि "प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनामणित्रयवतु" अर्थात मां आप परम चेतना हो। देवी सरस्वती के रूप में आप हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हो। हममें जो आचार और मेधा है, उसका आधार मां आप ही हो. इनकी समृद्धि और स्वरूप का वैभव अद्भुत है। सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है।

 वसंत पंचमी का पर्व  वसंत ऋतु के आगमन के प्रतीक के रूप में मनायी जाती है। वसंत पंचमी को श्री पंचमी तथा ज्ञान पंचमी भी कहते हैं। मान्यता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। पुराणों में यह उल्लेख मिलता है कि सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की पर अपने प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य मूक था और धरती बिलकुल शांत थी। ब्रह्माजी ने जब धरती को मूक और नीरस देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यह शक्ति सरस्वती कहलाईं। उनके द्वारा वीणा का तार छेड़ते ही तीनों लोकों में कंपन हो गया और सबको शब्द और वाणी मिल गई। प्रकृति की पूजा के रूप में मनाए जाने वाले  वसंत पंचमी का विद्यार्थियों के लिए भी ख़ास महत्व है। वसंत पंचमी के अवसर पर विद्या और ज्ञान की देवी माने जानी वाली मां सरस्वती के पूजा का विशेष लाभ मिलता है एवं जीवन में शुभ की प्राप्ति होती है। इस दिन माँ सरस्वती के साथ-साथ सभी ग्रंथो, पुस्तकों और संगीत यंत्रों की भी पूजा की जाती हैं 

प्राकृतिक परिवर्तन का मनुष्य ने जिस उत्साह के साथ स्वागत किया, वही उत्साह त्योहारों के रूप में परंपरा में शामिल होता गया। ऋतुओं के परिवर्तन के नियम के साथ ही वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आगमन की सूचना देती है। ऋतु के आगमन के साथ ही चारों ओर उल्लासमय वातावरण छा जाता है। यानी पूरे महीने उल्लास और आनंद का अहसास होता है। समशीतोष्ण मौसम हमेशा ही मनुष्य को आनंद प्रदान करता है। इस समय पंचतत्व अपना प्रकोप छोड़कर सुहावने रूप में प्रकट होते हैं। जल, वायु, धरती, आकाश और अग्नि ये सभी सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं। मौसम और प्रकृति में मनोहारी बदलाव होते हैं। वैसे हमारे यहां भले ही सारे त्योहार एक दिन मनाए जाते हैं, पर उनके साथ जुड़े पूरे महीने का मौसम ही आनंद देने वाला हो जाता है।

वसंत आगमन के साथ ही आम की डालियों पर बौर लगना आरंभ हो जाता है। पेड़ों के पात-पात पर, लताओं के वृंत-वृंत पर हरियाली फूट पड़ती है। धरणी पुष्पों से शृंगार करती है। कोयल की कूक मन को उद्वेलित कर वातावरण में मादकता फैलाती है। वसंत मानव हृदय में कोमल-प्रवृत्तियों को जगाकर चित्त में नवजीवन, नव उत्साह, मस्ती, उमंग और आनंद प्रदान कर समस्त सृष्टि को नवयौवन की अनुभूति कराता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन कुछ खास और देवी सरस्वती के गुप्त मंत्रों का जाप करना शुभ होता है।

"या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ।।"

ऎं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां। सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाहा।

विद्या प्राप्ति के लिए देवी सरस्वती का ये मंत्र बहुत लाभकारी है। 

"विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्ति:।।"

इस मंत्र के जप से बढ़ती है स्मरण शक्ति

शारदायै नमस्तुभ्यं, मम ह्रदय प्रवेशिनी, परीक्षायां समुत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा।।

सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम: ।

सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है।

ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

सरस्वती सरस्वत्यै नमः।

महामाया महमायायै नमः।

श्रीप्रदा श्रीप्रदायै नमः।

ज्ञानमुद्रा ज्ञानमुद्रायै नमः।

पद्माक्षी पद्मा क्ष्रैय नमः।

इस मंत्र से दूर होगी करियर में बाधा

ॐ शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।

बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा में इस मंत्र का जप करने से बल, तेज, ज्ञान, बुद्धि आदि की प्राप्ति होती है और माता सरस्वती का आशीर्वाद मिलता है। मां शारद का यह मंत्र बेहद चमत्कारिक माना जाता है। इस मंत्र के जप से करियर में आ रही बाधा दूर होती है।

शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।

सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।

बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा करने के बाद इस मंत्र का जप करने से नौकरी और कारोबार में वृद्धि आती है और अच्छे संपर्क बनते हैं। इस मंत्र को तुलसी की माला से 108 बार जप करें।

"पद्माक्षी ॐ पद्मा क्ष्रैय नमः।" 
वसंत पंचमी पर मां सरस्वती के इस गुप्त मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र के जाप से करियर में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती। मंत्र का जाप करते समय दो मुखी दीपक लगाकर देवी सरस्वती का स्मरण करें। 

"ह्रीं त्रीं हूं" 
 वसंत पंचमी पर दस महाविद्या की आराधना की जाती है। उसी के अंतर्गत नील सरस्वती मां का भी पूजन किया जाता है। उपरोक्त मंत्र नील सरस्वती देवी का अचूक मंत्र है। इस उपाय से आर्थिक तंगी भी दूर होती है। 

सरस्वती वंदना
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता,
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता,
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं,
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्,
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्

अर्थ कुन्द, चन्द्र, तुषार के हार के समान गौरवपूर्ण शुभ्र वस्त्र धारण करने वाली, वीणा के सुन्दर दण्ड से सुशोभित हाथों वाली, श्वेत कमल पर विराजित, ब्रहा, विष्णु, महेश आदि सभी देवों के द्वारा सर्वदा स्तुत्य, समस्त अज्ञान और जड़ता की विनाशनी देवी सरस्वती मेरी रक्षा करे.

क़ुदरत की बरकतें  हैं  ख़ज़ाना  बसंत  का

क्या ख़ूब  क्या  अजीब  ज़माना  बसंत  का 



Saturday, 3 February 2024

YOGA MUDRA FOR GOODLUCK & ABUNDANCE

Let prosperity be glorified -let rulers, rule the world with law and justice let divinity and erudition the God protects, let all beings be happy and prosperous.

1.    Mudra for Good luck: - Jupiter Mudra
2.  Mudra for wealth: - Kubera Mudra, 9 jewels
3.  Mudra for Prosperity: - Surabhi mudra 
4. Mudra for Abundance: - Varada Mudra

Mudra’, a Sanskrit word, means a symbolic hand gesture that has the power of producing joy and happiness. Our hands define our karma and fingers being the power points, are a link between individual Pranic force and universal cosmic energy.

The position of our hands has the ability to influence energy of our physical, emotional and spiritual body. Mudras help to link the brain to the body, soothe pain, stimulate endorphins, change the mood and increase our vitality.

Mudras are a combination of elegance and mysticism. They purify, energize, and divinize the spiritual aspirant in a similar way as mantra recitation.

THE SECRET SCIENCE OF MUDRAS:

"Mudras" are higher spiritual practices to awaken the prana, chakras and kundalini and they help us attain higher states of consciousness. Mudras bring about subtle changes in the 72,000 naadis of our body. Each mudra is a 'closed electrical circuit' to prevent the energy leakage from the system. Mudras reduce adreno-cortical activity, lessens the nervous irritability, improves the cardiac and respiratory function; increases the physiological resistance, relaxes the endocrinal glands, stabilizes the blood pressure, enhances the immune response and also improves the concentration, memory and intelligence. Mudras are the key to unlock the potential of the body. The mudras can improve physical health, mental peace, emotional balance and spiritual maturity.

Yoga mudras, coupled with the right breathing practice, can

Reduce aches and pains, including migraine

Ø Improve digestion

Ø Support heart health

Ø Boost intelligence and clarity

Ø Improve focus

Ø Calm the mind

Ø Reduce anxiety … and more?

How long do you hold mudras?

Two minutes

How long should a Mudra be practiced? “trigger” the Mudra, to create the electromagnetic circuit. Then, it needs to be held for at least two minutes, but you can hold it for as long as can, ideally for 45 minutes in a 24-hour period - morning, afternoon and evening.

Kubera Mudra, also known as "Wealth Mudra". It is a hand gesture or seal commonly used in yoga and meditation practices. It is named after Kubera, a Hindu deity associated with wealth, prosperity and abundance. By practicing this mudra, individuals seek to attract and manifest financial and material abundance in their lives.

Mudra for wealth (9 jewels)

The nine jewels symbolize wealth of life according to the eastern tradition. From these nine jewels consists body, mind and consciousness of a human and the environment. Combining all nine jewels in one bowl, we confirm the union of the soul and body, the union a human and space. The full bowl symbolizes prosperity and wealth.

How to form this mudra: Four fingers of the left-hand support from the down and embrace the same fingers of the right hand. The thumbs of the both hands put aside freely, forming a bowl.

Consciously performing mudras allow us to become more aware of inner energy and to control it so that we make the most of each moment. The effect is total, at once subtle but powerful. In this way, we learn to integrate our dissipated thoughts and actions, so that life becomes a graceful flow of energy and understanding. Our whole being can then become a mudra, a gesture of life within, reflecting into our external life. Practicing mudras engages both the body and the mind, creating a very focused and powerful healing practice. Stay for several breaths and focus on the feeling in your hands. Let the mind soften. Let the heart open. And let the entire mind, body, and soul prepare to receive love, abundance, health, wealth, success and true compassion and connection.

Jupiter Mudra

With the two index fingers together, the power of Jupiter, or good luck and expansion is activated. Together they focus your energy to break through barriers.


Surabhi mudra (Wish-Fulfilling Mudra) is a very effective and powerful mudra. By itself, this mudra helps an aspirant practitioner (Sadhaka) to break any barriers that he/she may face when on the threshold of the ultimate meditation (samadhi). In this mudra, the ethereal elements combine such as to magnify and multiply their powers and produce powerful results on the body. With constant practice, this mudra helps to stabilize and strengthen the manipura chakra (solar plexus). During the awakening of the kundalini shakti, it generally gets stuck at manipura chakra. The regular practice of this mudra makes the chakra strong enough to withstand the rising force as well as helps it to move upward to a higher center. One may do a Sankalp (internal resolution) of the desire one wishes to be fulfilled before the practice, and then practice the mudra to make it a Sakam karma practice (a practice that is done with a particular desire in the heart).

FORMATION OF SURABHI MUDRA:

Let the two palms face each other and keep them parallel to each other. All the fingers extend pointing upward. Rest the hands at the level of the chest. 

Part I: Move the ring finger of the left hand to join its tip to the tip of the little finger of the right hand. Similarly, the ring finger of the right hand joins the tip of the little finger of the left hand.

Part II: Move the middle finger of the left hand to join its tip to the tip of the index finger of the right hand. Similarly, the middle finger of the right hand joins the tip of the index finger of the left hand.

Part III: Keep the thumbs spread out, not touching any part of the hand and pointed toward the heart.

Varada Mudra: This mudra represents generosity and is said to help attract abundance and wealth. It involves holding the right hand facing down with the palm facing out.

Affirmations:

·         “I let go of what no longer serves me.”

·         I rise above life’s challenges with ease and grace.

·         “I surrender to the flow of the Universe.”

·         “I embrace uncertainty with ease.”

·         All that suffering and doubt have finally been vanquished from my life.

Our balanced & focused approach to wellness integrates traditional wisdom and modern insights to support vibrant and meaningful living.

#handmudra #enlightenment #lawofassumption #lawofattraction #manifestation

#selfgrowth #mudra  #selfimprovement  #manifesting #intention 

#mind power #visualization #hypnosis #prosperity #abundance #mindfulness






Thursday, 1 February 2024

Positive attitude: Fill yourself with positive things

“Just be positive” or “look on the bright side!”

Positive thinking isn’t magic and it won’t make all of your problems disappear. What it will do is make problems seem more manageable and help you approach hardships in a more positive and productive way.

You can learn to find the bright side and stay positive, avoiding negativity in your life, and going about the process of improving yourself for the better.

“The most helpful definition of being positive is having hope and confidence in one’s ability to handle what’s tough, along with remembering that nothing is all negative all the time,”


Proven benefits of thinking positively include:

·         better quality of life

·         higher energy levels

·         better psychological and physical health

·         faster recovery from injury or illness

·         fewer colds

·         lower rates of depression

·         better stress management and coping skills

·         Better cardiovascular health

·         Reduced risk of death from cancer, respiratory conditions, and infections

·         longer life span

The mental benefits may include:

·        More creativity

·        Greater problem-solving skill

·        Clearer thinking

·        Better mood

·        Better coping skills

·        Less depression

Start every day on a positive note

Create a ritual in which you start off each day with something uplifting and positive. Here are a few ideas:

§  Tell yourself that it’s going to be a great day or any other positive affirmation.
§  Listen to a happy and positive song or playlist.
§  Share some positivity by giving a compliment or doing something nice for someone.

First, Nix the Negative

Negative thoughts get inside your head, and they whirl around like a hamster on a wheel. Negative thinking can ravage your body, cloud your mind and deplete your spirit. Negativity — left unchecked — can ruin your life.

First, begin to recognize your negative thought patterns. What is your inner critic saying to you? Do you think like this? 

All or nothing thinking. If you can’t do something to perfection, do you feel that you have failed or won’t even try to do it?

Overgeneralizations. One thing goes wrong and everything is wrong.

Focusing on the one negative. event in an otherwise enjoyable experience. Unable to accept a compliment or praise, preferring to respond with “it was nothing” or “not a big deal.”

Jumping to conclusions. Before getting all the facts, you become a fortune teller and automatically predict a negative outcome.

Magnification or minimization. Exaggerations of problems or mistakes—catastrophizing or minimizing things that might make you feel good.

Making “should” statements. Your expectations are rigid and the rules set around what “should” be done are not realistic and you feel guilty when you do not meet those rules.

Personalization. You blame yourself for everything that goes wrong.

Be a critical thinker, not a critical person. Practice redirecting critical thoughts by examining the situation from multiple angles and gaining perspective. How can I choose to think about this? What is the next possible action that will help me? What actually went well? What am I looking forward to?

You won’t be able to undo years of pessimism and negative thoughts overnight, but with some practice, you can learn how to approach things with a more positive outlook.

Recap

There are many different types of cognitive distortions that contribute to negative thinking. Learning more about these distortions and remembering that thoughts are not facts may help lessen the power of these negative thinking patterns.

Luckily, positive thinking is a skill that anyone can learn. Here are few tips to train yourself to think positively.

1. Remember to be grateful

2. Get plenty of sleep

3. Accept situations as they are

4. Identify areas you need to work on

5. Remember to laugh

6. Getting out of your comfort zone

7. Being happy even when you have little.

8. Not letting other people’s negativity bring you down.

9. Being true to yourself… always

10.Being happy for someone else’s success.

11. Using the power of a smile to reverse the tone of a situation.

12. It’s not complaining no matter how unfair things appear to be.

13. Spend Time with Positive People

14. Cultivate Optimism

15. Practice Coping with Criticism

16. Savor Positive Moments to Extend Positive Thoughts

Positive thinking, or an optimistic attitude, is the practice of focusing on the good in any given situation. You approach the good and the bad in life with the expectation that things will go well.

"Positive anything is better than negative nothing."